मुसुमुसुक्काई, जिसे हिंदी में अगनकी कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम Mukia Maderaspatana है और यह Cucurbitaceae परिवार से संबंधित है। यह पौधा लगभग 50 सेमी ऊँचाई तक बढ़ता है और एक वार्षिक बेल के रूप में जाना जाता है। यह मुख्य रूप से पश्चिम अफ्रीका का देशज पौधा है और एशिया, अफ्रीका एवं ऑस्ट्रेलिया में व्यापक रूप से उगाया जाता है।
इस पौधे के पत्ते और कोमल तनों का उपयोग दक्षिण भारतीय व्यंजनों में भी किया जाता है। इसके औषधीय गुण इसे अनेक बीमारियों के लिए एक प्रभावशाली घरेलू उपचार बनाते हैं।
स्वास्थ्य लाभ:
गैस, अपच, कब्ज और गठिया जैसी समस्याओं में राहत देता है।
अस्थमा के इलाज में उपयोगी आयुर्वेदिक औषधि।
पेट दर्द के लिए कारगर प्राकृतिक इलाज।
सिद्ध चिकित्सा में इसे बुखार, उल्टी और पेट की बीमारियों के लिए प्रयोग किया जाता है।
दूध के साथ लेने पर यह खांसी और गले की खराश को ठीक करता है।
श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे सूखी खांसी, एलर्जी, घरघराहट और टीबी में उपयोगी।
नियमित सेवन से रक्त निर्माण में सुधार होता है और हाई ब्लड प्रेशर में राहत मिलती है।
कान की सुनने की क्षमता में कमी को दूर करता है।
मानसिक क्षमता को बढ़ाने में सहायक।
पुरुषों और महिलाओं दोनों में ताकत और सहनशक्ति बढ़ाने में सहायक।
सेवन विधि:
5 ग्राम मुसुमुसुक्काई पाउडर को 100 मि.ली. पानी में उबालें। छानकर दिन में दो बार भोजन से पहले सेवन करें। यह शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।













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