अश्वगंधा (Withania Somnifera), जिसे विंटर चेरी या इंडियन जिनसेंग भी कहा जाता है, भारत और उत्तर अफ्रीका का एक सदाबहार औषधीय पौधा है। यह तमिलनाडु के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है और तमिल में इसे अमुकिरा ट्यूबर भी कहा जाता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा का उपयोग पिछले 6000 वर्षों से विभिन्न चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। इसके पूरे पौधे के विभिन्न भाग औषधीय रूप से उपयोगी हैं।
स्वास्थ्य लाभ:
अश्वगंधा जड़ का पाउडर तनाव कम करने में प्रभावी है।
आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में यह एथलीटों के प्रदर्शन में सुधार और सहायक पूरक के रूप में उपयोगी है।
यह मानसिक स्थितियों जैसे डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
इसकी औषधीय गुण तंत्रिका तंत्र को मजबूत और शांत करते हैं।
आयुर्वेद और चीनी चिकित्सा में अश्वगंधा रक्त शर्करा स्तर को कम करने में सहायक है।
यह नींद सुधारने का एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय भी है।
खुराक:
रक्त शर्करा नियंत्रण के लिए 1/4 से 1/2 चम्मच अश्वगंधा जड़ पाउडर को 1 गिलास दूध और आधे गिलास पानी में मिलाकर कुछ मिनट उबालें। इसमें 2 बड़े चम्मच कटे हुए बादाम और अखरोट मिलाएं। नियमित सेवन से बेहतर परिणाम मिलते हैं।














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