एंड्रोग्राफिस पैनिकुलाटा, जिसे करीयत या नेलावेमु के नाम से जाना जाता है, अकन्थेसी परिवार की एक औषधीय जड़ी-बूटी है। यह एक खड़ा पौधा है जो 30 से 110 सेंटीमीटर तक बढ़ता है। यह वार्षिक हर्बस पौधा भारत और श्रीलंका में पाया जाता है। करीयत में विषाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, होम्योपैथी और पारंपरिक औषधि प्रणालियों में करीयत का सदियों से उपयोग होता रहा है।
स्वास्थ्य लाभ:
मलेरिया के उपचार के लिए करीयत पाउडर एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय है।
यह शरीर में गर्मी कम करने और विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
सांप के काटने के इलाज में उपयोगी है।
पीलिया और यकृत संबंधी रोगों के उपचार में सहायक।
कैंसर और त्वचा रोगों के इलाज में मददगार।
आंतों में कृमि नाशक के रूप में कार्य करता है।
दस्त के उपचार में उपयोगी।
डेंगू, चिकनगुनिया और पुरानी बुखार में लाभकारी।
अधिक पेशाब की समस्या को नियंत्रित करता है।
फ्लू, ब्रोंकाइटिस और खांसी में राहत देता है।
अपच और भूख न लगने की समस्या में भी फायदेमंद।
सेवन विधि:
5 ग्राम करीयत पाउडर को 100 मिली पानी में मिलाकर कुछ देर उबालें। छानकर दिन में दो बार भोजन से पहले सेवन करें।
अधिक पेशाब की समस्या में 1 से 2 ग्राम पाउडर को गाय के दूध के साथ मिलाकर दिन में दो बार लें।














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