कमल के बीज जिन्हें मखाना या फॉक्सनट्स भी कहा जाता है, पोषण से भरपूर होते हैं। इनमें प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की मात्रा अधिक होती है। इन बीजों को कच्चा या पकाकर दोनों तरह से सेवन किया जा सकता है। भारत में इन्हें पाक कला और पारंपरिक चिकित्सा दोनों में उपयोग किया जाता है। कमल के बीज त्वचा स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी लाभकारी हैं और कॉस्मेटिक्स उद्योग में इनका उपयोग होता है। इन्हें चाय, जूस, शहद और केक जैसे कई पेय और मिठाइयों में भी मिलाया जाता है।
स्वास्थ्य लाभ:
इनमें पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है जो रक्तचाप को नियंत्रित कर हृदय स्वास्थ्य बनाए रखता है।
इसमें उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम करने वाले एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो झुर्रियों को घटाते हैं।
चीनी चिकित्सा में इसका उपयोग सूजन कम करने और घाव भरने में होता है।
यह अपच, दस्त और पेट संबंधी अन्य समस्याओं में लाभकारी है।
मखाना नींद संबंधी विकार जैसे अनिद्रा में मदद करता है।
दंत स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है, मसूड़ों में रक्तस्राव और जलन को कम करता है।
आयुर्वेद के अनुसार यह पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता बढ़ाने और यौन स्वास्थ्य सुधारने में सहायक है।
नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
भूख बढ़ाने में भी सहायक है।
सेवन विधि:
मखाना लें, घी या नारियल के तेल में भूनकर हल्का नमक डालें और स्नैक के रूप में सेवन करें।
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