ब्लैक गुग्गुल, जिसे हिंदी में गुग्गुल कहा जाता है, Commiphora Mukul नामक पौधे से प्राप्त होता है। यह एक कांटेदार झाड़ी होती है जो 2 से 3 मीटर तक ऊँची हो सकती है और मुख्यतः भारत, अरब और पाकिस्तान के शुष्क व पथरीले क्षेत्रों में पाई जाती है। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में इसके पौधे अधिक मिलते हैं।
सूखा हुआ ब्लैक गुग्गुल एक सुगंधित रेज़िन होता है जिसमें अनेक आयुर्वेदिक गुण होते हैं। इसका उपयोग पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
स्वास्थ्य लाभ:
गठिया व अन्य वात रोगों में राहत देता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक।
पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण बालों को मजबूत बनाता है।
मुंहासों से होने वाली सूजन और लालपन को कम करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है।
बच्चों की मुख संबंधी समस्याओं में लाभकारी।
पक्षाघात, चेहरे की लकवा, आधे शरीर में कमजोरी, और गाउट जैसी बीमारियों में उपयोगी।
पुरानी खांसी और अस्थमा में राहत प्रदान करता है।
नसों, हड्डियों और जोड़ो के पुनरुत्पादन को प्रोत्साहित करता है।
शरीर से मृत कोशिकाओं, विषैले तत्वों और अपशिष्ट को बाहर निकालने में मदद करता है।
सेवन विधि:
गंभीर मुंहासों की समस्या से राहत के लिए प्रतिदिन 25 ग्राम ब्लैक गुग्गुल का दो बार सेवन करें।













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